शिक्षा

सीवीआरयू में बनाया गया छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस : विद्यार्थियों ने किया हिंदी और छत्तीसगढ़ी में कविता पाठ

बिलासपुर/  छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर डॉ सी वी रमन विश्वविद्यालय में एकदिवासी संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर अतिथि वक्ताओं छत्तीसगढ़ राजभाषा के शिक्षा में राजभाषा, महत्व, वर्तमान स्थिति और वैश्विक स्तर पर छत्तीसगढ़ी के बारे में अपने विचार रखें. भाषा एवं साहित्य विभाग वनमाली सृजन पीठ, छत्तीसगढ़ी शोध एवं सीजन कंप्लीट लोक कला संस्कृति केंद्र, भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र एवं आइक्यूएसी द्वारा आयोजित किया गया.इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित विश्वविद्यालय के कला संकाय के अधिष्ठाता वेद प्रकाश मिश्रा ने कहा कि भाषा जोड़ने का काम करती है .भाषा लगाव है ,भाषा प्रेम है . खासकर छत्तीसगढ़ी भाषा बहुत मधुर और संवेदनशील भाषा है , छत्तीसगढ़ राज्य पृथक होने के बाद से उसने तेजी से विकास किया है ,और आज राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी छत्तीसगढ़ी स्वीकार की जाती है. हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए. कार्यक्रम में उपस्थित डॉ आंचल श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ी को व्यापक स्वीकार्यता मिली है .आज केवल बोलचाल में ही नहीं बल्कि  कामकाज में भी छत्तीसगढ़ी को स्वीकार किया जा रहा है .प्रतियोगी परीक्षाओं व अन्य स्थानों पर भी छत्तीसगढ़ी का ज्ञान लोग ले रहे हैं. इस अवसर पर भाषा एवं साहित्य विभाग की विभाग अध्यक्ष डॉ गुरप्रीत बग्गा कहा कि भाषा केवल बोल चल ही नहीं हमारी संस्कृति परंपरा और पहचान का भी आधार है. भाषा साहित्य शिक्षा और कला में भी अपना विशेष स्थान रखती है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषाओं को स्थान दिया गया है .इसलिए यह छत्तीसगढ़ी का महत्व और भी बढ़ा है .कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भी छत्तीसगढ़ी कविता भी प्रस्तुत किया .इस अवसर पर स्वागत भाषण जनसंपर्क अधिकारी किशोर सिंह एवं आभार प्रकट डॉ श्यामंता साहू ने किया .कार्यक्रम का संचालन डॉ स्नेहलता निर्मलकर ने किया. इस अवसर पर डॉ शाहिद हुसैन, डॉ ऋचा यादव सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक विद्यार्थी एव शोधार्थी मौजूद रहे.

छत्तीसगढ़ी के संरक्षण एवं संवर्धन में विश्वविद्यालय कर रहा कार्य

डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ी के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में कार्य कर रहा है .इसके लिए छत्तीसगढ़ी मां पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया गया है. इसके साथ-साथ युवाओं को जानकारी के लिए छत्तीसगढ़ी शोध एवं सीजन पीठ की स्थापना की गई है. लोक कला संस्कृति केंद्र भी बनाया गया है, छत्तीसगढ़ी के माध्यम से युवाओं को छत्तीसगढ़ के जीवन शैली की जानकारी भी दी जा रही है.

इन विद्यार्थियों ने दी प्रस्तुति

अंजली शर्मा ,तनु शिखा शर्मा, सुमन निषाद, आंचल तिवारी, पूनम जांगड़े ,सनी ध्रुव ,गायत्री पांडे  ,रत्ना पाटले, शिवानी मरकाम ,और श्वेता ने अपनी प्रस्तुति दी,. इसी तरह छत्तीसगढ़ी कविता में शिव शंकर निर्मलकर ,प्रकाश निषाद, नेहा प्रजापति, और पूनम जांगड़े ने अपनी प्रस्तुति दी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Breaking