सीवीआरयू में शिक्षा से आत्मनिर्भर भारत पर राष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन


बिलासपुर/ डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय में शिक्षा से आत्मनिर्मित भारत विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर अतिथि वक्ता के रूप में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुरेश गुप्ता एवं शिक्षा एवं संस्कृति उत्थान न्यास के क्षेत्रीय संयोजक ओम शर्मा अपनी बात रखी. यह आयोजन डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय एवं शिक्षा एवं संस्कृति उत्थान न्यास छत्तीसगढ़ प्रांत के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया.इस अवसर पर क्षेत्रीय संयोजक ओम शर्मा ने कहा कि कौशल से शिक्षा को जोड़ना ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है इसलिए ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में कौशल को विशेष स्थान दिया गया है और इस दिशा में पूरे भारतवर्ष में काम किया जा रहा है. उन्होंने 7,8 ,9 फरवरी को आयोजित होने वाले ज्ञान महाकुंभ के बारे में सभी को जानकारी दी और उन्हें आमंत्रित भी किया. इस अवसर पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष शिक्षा संस्कृति उद्यान सुरेश गुप्ता जी ने कहा कि सबसे बड़े मैनेजमेंट के गुरु हनुमान जी थे. इसी तरह सबसे बड़े पॉलिटिशियन श्री कृष्ण माने जाते हैं .सबसे बड़े इंजीनियर राजा नल और राजा नील माने जाते हैं. हमें बस यही काम करना है ,भारत के पारंपरिक ज्ञान को बाहर लाकर खड़ा करना है, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह कार्य किया जा रहा है . उन्होंने बताया कि पढ़ने की पद्धति बदलने की जरूरत है, और भारतीय पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देना ही उद्देश्य है .इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे, कुल सचिव डॉ अरविंद तिवारी शिक्षा एवं संस्कृति न्यास के छत्तीसगढ़ प्रांत संयोजक डॉ प्रफुल्ल शर्मा एवं कार्यक्रम के समन्वयक डॉ अनुपम तिवारी उपस्थित थे. सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष प्राध्यापक अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे.
भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र को सराहा
इस अवसर पर दोनों अतिथि वक्ताओं ने विश्वविद्यालय में स्थापित भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र ,छत्तीसगढ़ी लोककला एवं संस्कृति केंद्र, इनक्यूबेशन सेंटर ,ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग ,एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र का भ्रमण भी किया. उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित किए गए भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र विशिष्ट बताया को और उसके बारे में जानकारी भी प्राप्त की।