स्वास्थ्य

सिम्स के एमआरडी मेंं बने तीन नए काउंटर,इमरजेंसी केस के लिए डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ तैनात,भीड़ कम करने दवा काउंटर बाहर शिफ्ट,टोकन सिस्टम से मिल रही दवाइंया

बिलासपुर/ छत्तीसगढ़ आुर्यविज्ञान संस्थान सिम्स में एमआरडी के तीन नए काउंटर खुल जाने से मरीजों को राहत मिल रही है। वही सिम्स के नये एमआरडी काउंटर में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन मरीजों का हो रहा है,एक काउंटर आयुष्मान का भी बनाया गया है। ताकि मरीजों को इलाज के समय किसी परेशानी का सामना करना ना पड़े। सिम्स में एमआरडी के पास ही एक डॉक्टर व नर्सिग स्टाफ की भी ड्यूटी लगाई गई है,ताकि इमरजेंसी केस आने पर तत्काल मरीज की प्रारंभिक जांच व इलाज हो सके। सिम्स में मरीजों को बेहतर जांच के साथ इलाज की सविधा मिलने के साथ ही समय की भी बचत हो रही है। बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े सिम्स मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए पर्ची कटवाने के लिए लंबी लाइन में खड़े होने की मजबूरी अब समाप्त हो गई है।सिम्स में एमआरडी की भीड़ को कम करने के लिए दवा काउंटर को बंद केंटीन में शिफ्ट कर दिया गया है। दवा लेने के लिए मरीजों को कोई दिक्कत न हो, इसलिए यहां टोकन डिस्प्ले सिस्टम शुरू कर दिया गया है। इस व्यवस्था से मरीजों को लाइन लगाने और धक्के खाने से छुटकारा मिल रहा है। साथ ही उनका समय भी बच रहा है। इस नई व्यवस्था से दवा काउंटर के पास टोकन नंबर दिखाने वाली एक स्क्रीन भी लगाई गई है।मरीज डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाई की पर्ची सीधे टोकन काउंटर में जमा कर रहा है। यहां से उसे टोकन नंबर दिया जा रहा है। स्क्रीन में टोकन नंबर डिस्प्ले होते ही दवा काउंटर में दिखाने पर उसे दवाई दे दी जा रही है। गौरतलब हो कि कलेक्टर अवनीश कुमार शरण सहित सचिव से हाईकोर्ट में जवाब तलब किया गया था। इसके बाद कलेक्टर ने सिम्स की व्यवस्था सुधारने लगातार अस्पताल का निरीक्षण किया। हाईकोर्ट ने प्रशासन और सचिव को अस्पतालों में सुधार के संबंध में 17 जनवरी को रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि हाईकोर्ट में सुधार की प्रक्रिया पेश करने के लिए सिम्स में तात्कालिक बदलाव किए गए हैं।
आभा एप से समय की हो रही बचत
आभा एप पर ओपीडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराते ही टोकन नंबर मिलता है। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर इसके लिए अलग से काउंटर बने हैं, जहां टोकन नंबर देते ही स्टाफ ओडी स्लिप दे देंगे। जिससे लोगों को समय की भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि कतार से बचने के लिए मोबाइल में अब आभा एप इंस्टॉल करते ही मोबाइल नंबर से लॉगिन कर लगाया गया क्यूआर कोड लोग स्कैन करेंगे।स्कैन करने के बाद आभा आईडी चुनेंगे, आईडी चुनने के बाद डिटेल देख लेंगे और डिटेल कंफर्म करने के बाद शेयर बटन पर क्लिक करेंगे। शेयर करते ही सभी जानकारी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ऑटोमेटिक शेयर हो जाएगी। जहां से ओडी स्लिप लेकर संबंधित डॉक्टर के काउंटर पर इलाज होगा।आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन यथा आभा के अंतर्गत मरीजों को ओपीडी पर्ची के लिए अब लाइन लगाने की आवश्यकता नहीं होगी, मरीज या परिजन घर बैठे ही मोबाइल ऐप आभा के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं या इसके लिए दिए गए ऐप के क्यूआर कोड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मोबाइल ऐप आभा क्यूआर कोड का उपयोग मरीज या परिजन अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इस ऐप में मरीज का एक आभा कार्ड बनेगा जिसमें यूजर्स को एक 14 डिजिट का कार्ड नंबर मिलेगा। जिसमें मरीज के हेल्थ डायग्नोस्टिक व दवाई की पूरी जानकारी भी होगी। इससे देश में कहीं पर भी किसी भी डॉक्टर द्वारा मरीज की पूरी हेल्थ हिस्ट्री जानने में सहूलियत होगी।
मरीजों को मिल रही राहत
सिम्स में एमआरडी में मरीजों की लंबी कतार लगती थी वही दवा वितरण काउंटर में भी भीड़ बढ़ जाने से अव्यवस्था बनी रहती थी। साथ ही मरीजों व परिजनों में विवाद की स्थिति भी निर्मित हो जाती थी।अब बाहर केंटीन वाली जगह पर दवा काउंटर वितरण केंद्र बनाया गया है। जहां टोकन सिस्टम से मरीज व परिजन दवा ले रहे है। पुराने एमआरडी काउंटर में एक आयुष्मान का भी काउंटर खोला गया है।
डॉ.लखन सिंह
चिकित्सा अधीक्षक
सिम्स

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