राजनीती

निष्कासन प्रक्रिया में जितनी तत्परता दिखाई उतनी ही तत्परता पूरे 70 वार्ड में  दिखाई होती तो नगर निगम का रिजल्ट कुछ और होता : इशहाक कुरैशी

बिलासपुर/   इशहाक कुरैशी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा की जिला कांग्रेस एवं शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा निस्कासन  प्रक्रिया में जितनी तत्परता दिखाई उतनी ही तत्परता पूरे 70 वार्ड में दिखाते हुए कर्मठ संघर्षशील एवं जीतने योग्य प्रत्याशी पर दिखाई होती तो बिलासपुर नगर पालिका निगम का रिजल्ट कुछ और होता। कुरैशी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता अपने आप को स्थापित रखने एवं अपने इगो के चलते बिना जनाधार एवं जनता से कोई सरोकार रखने वाले एवं बड़े नेताओ के चरण पादुका उठाने वाले नेताओ को टिकट का वितरण किया गया।जिसके चलते पार्टी को करारी हार का सामान करना पड़ा। कुरैशी द्वारा कहा गया की मेरे द्वारा 30 वर्षो से सामाजिक संन्स्था आज़ाद युवा संगठन का संचालन करते हुए लगातार पूरे जिले में लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के समर्थन में काम करते हुए पार्टी को जीत दिलाने में अपना बड़ा योगदान दिया है। फिर भी पार्टी के बड़े नेताओ द्वारा कर्मठ कार्यकर्ताओं को किनारे करते हुए पार्टी को कमजोर करने का कार्य किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि वार्ड क्रमांक 42 में कांग्रेस पार्टी द्वारा ऐसे व्यक्ति के ऊपर विश्वास जताते हुए टिकट दिया गया जो विगत दो लोकसभा दो विधानसभा की जिम्मेदारी  लेकर वार्ड क्रमांक 42-43 के सभी बूथ मे कांग्रेस पार्टी को हराने का रिकार्ड बनाने का कार्य करते हुए पूर्व में एवं 2025 मे पार्टी से टिकट लाकर चुनाव लड़ते हुए करारी हार का सामना करते हुए जमानत जब्त कराने का कार्य किया गया है। श्री कुरैशी ने कहा कि वार्ड क्रमांक 42 का कांग्रेस प्रत्याशी ब्रहमदेव ठाकुर की यह हालत थी कि उसके लिए वार्ड में वोट मांगने के लिए गए तो मतदाताओ द्वारा स्पस्ट रूप से एक ही बात कहते नज़र आ रहे थे की बृह्मदेव एवं उनके साथियों द्वारा महिला समूहों को लोन दिलाने एवं समूह को राशन दुकान दिलवाने के नाम से लिए गए राशि को वापस दिलवाने की बात कहते हुए बुरा भला बाते कही गई। इस कारण वार्ड, 42 के लगभग सभी कांग्रेसी नेताओं को घर बैठना पड़ा एवं महापौर  के लिए वोट मांगने के लिए बाध्य होना पड़ा। कुरैशी ने कहा कि पार्टी को जब जब मेरी जरूरत पड़ी मेरे द्वारा हमेशा पार्टी की सभाओ मे बड़े नेताओ एवं जिला अध्यक्ष के कहने मे 5-10 आटो भीड़ हो या जेल भरो आंदोलन हो या गिरफ्तारी देनी हो तो सेकड़ो युवा साथियों को लाना हो मैने सभी स्थानों मे अपनी जिम्मेदारी निभाई है। रही बात निष्कासन की तो सबसे पहले तो जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी  का होना चाहिए क्यों की विजय केशरवानी जिला अध्यक्ष होते हुए पूरे जिले के विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में कार्य न करके खुद विधानसभा चुनाव लड़ते हुए अन्य प्रत्याशियों को उनके हाल में छोड़ते हुए अपने चुनाव में मस्त रहे। जब की इन्हे चुनाव लड़ना ही था तो इन्हे अपने पद से इस्तीफ़ा  दे कर चुनाव लड़ने का कार्य करना था। ताकि अन्य विधानसभा प्रत्याशी को जिला अध्यक्ष का समर्थन प्राप्त होता। इसलिए मेरा मानना है कि अपने स्वार्थ को ध्यान में रखते हुए पार्टी को नुक्सान पहुँचने वालों के ऊपर कार्यवाही करते हुए सबसे पहले जिला अध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित किया जाए।

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