सीवीआरयू में मनाया गया वीर बाल दिवस : साहिबज़ादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान को किया गया याद


बिलासपुर/ डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय में गुरु गोविंद सिंह के बेटों के शहादत को याद करने के लिए पर वीर बाल दिवस का आयोजन किया गया. इस अवसर पर तविंदर पाल अरोरा एवं किरण पाल चावला ने वीर जोरावर सिंह और फतेह सिंह के के बलिदान और संघर्ष को सभी से साझा किया। इस अवसर पर उपस्थित किरण पाल चावला ने कहा कि, आज हमें संत सिपाही की जरूरत है. सोच में हमें संत बनना चाहिए , और हौसलों में हमें सिपाही बनने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज हमें यह तय करना है , कि हमारा रोल मॉडल क्या होगा. क्या हम बॉलीवुड के किसी सितारे को अपना आदर्श मानते हैं , या देश के लिए जीने वाले किसी वीर जवान को आदर्श मानते हैं हमें तय करना होगा . उन्होंने कहा कि हमें अपने धर्म पर गर्व करने से पहले धर्म को जानना, सिखाना ,और समझना होगा. इस अवसर पर उपस्थित तविंदर पाल अरोरा ने कहा कि जोरावर सिंह और फतेह सिंह की उम्र छोटी थी ,लेकिन उन्हें ज्ञान उम्र से अधिक था. और उनका जीवन भी उम्र से बड़ा हुआ. उन्होंने उनके छोटे से जीवन के अनेक संघर्षों और बातों को सभी से साझा किया. उन्होंने बताया कि दोनों वीर बालक ने घुटने नहीं ठेके और धर्म परिवर्तन नहीं किया. इसलिए उन्हें दीवारों से चुनवा दिया गया था. इसके बाद भी ईश्वर की इच्छा उन्हें जीवित रखने की थी और बाद में मुगलों ने उनकी हत्या कर दी है .अवसर पर विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ अरविंद तिवारी ने कहां कि गुरु गोविंद सिंह के वीर बालकों से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है, उनके जीवन के संघर्ष को हमें पढ़ना चाहिए. अपने जीवन में उसे संघर्ष के रूप को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया .कार्यक्रम के समन्वयक डॉ जयशंकर यादव उपस्थित थे .कार्यक्रम का संचालन हर्षित कुमार ने किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी पर अध्यापक उपस्थित थे.